कार्यक्रम में एआईसीटीई की तरफ से मुख्य वक्ता पारुल वर्मा ने शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार से स्वयं का और स्टूडेंट्स का समग्र विकास किया जाए। उन्होंने बताया कि मनुष्य को जिस प्रकार की शिक्षा और संस्कार दिए जाते हैं, वैसा ही उसका आचरण बनता है। एक स्टूडेंट के विकास में अभिभावक,शिक्षक और समाज तीनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डॉ प्रदीप कुमार तलन ने कहा की मानवीय आचरण शिक्षा संस्कार से निर्धारित होते हैं। मानव स्वयं में जितना परिष्कृत एवं स्थिरप्रज्ञ होगा उतना ही बेहतर सम्बन्ध परिवार, समाज एवं प्रकृति के साथ स्थापित होगा।
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