आपदा में ड्रोन होंगे बड़े मददगार
मेरठ। एमआईईटी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग में "तिहान" आईआईटी हैदराबाद के सहयोग से पांच दिवसीय वर्कशॉप का समापन किया गया। जिसका विषय "ड्रोन के माध्यम से डाटा अधिग्रहण" रहा। इस दौरान कार्यशाला में एनसीआर क्षेत्र से विभिन्न कॉलेजों के लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने छात्र छात्राओं को कार्यशाला में ड्रोन पर विभिन्न प्रयोग कराएं। कार्यशाला की कोऑर्डिनेटर डॉ नेहा मित्तल और मोहिनी सिंह ने बताया की पांच दिवसीय कार्यशाला में छात्र-छात्राएं ने ड्रोन को डिजाइन, असेंबल और टेस्ट करने का ज्ञान लिया। उसके साथ टेलीमेट्री डाटा को अधिग्रहण, सर्वे डाटा को ड्रोन के माध्यम से एकत्र करना तथा एंटी ड्रोन सिस्टम को समझा।
एचओडी नेहा मित्तल ने कहा की ड्रोन आपदाग्रस्त क्षेत्र के ऊपर उड़ कर मलबे में दबे लोगों की चीख-पुकार सुन उनका पता लगा सकते हैं, जहां राहत व बचाव दल न पहुंच पा रहा हो। हम ऐसे ड्रोन की परिकल्पना कर रहे है जो आपदा में बचे लोगों को गंध से तलाश सके। साथ ही ड्रोन को ताली बजाने, किक मारने और अन्य आवाजों को भी पहचानने की जरूरत होगी जो अक्सर संकट में फंसे इंसान, बचाव दल का ध्यान आकर्षित करने के लिए पैदा करते हैं। तिहान आईआईटी हैदराबाद की कोऑर्डिनेटर राजलक्ष्मी ने प्रतिभागियों को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए भविष्य में मानव रहित विमान "ड्रोन" के विषय में जानकारी दी।
इस दौरान कार्यशाला में डॉ सुबोध त्रिपाठी, डॉ प्रमोद सिंह, डॉ विक्रांत वार्ष्णेय, डॉ प्रवीण चक्रवर्ती, अंकुर गुप्ता का सहयोग रहा।
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