कैरियर निर्माण में भावनात्मक स्वास्थ्य की भूमिका पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
मुख्य वक्ता डॉ राहुल बंसल ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भावनात्मक स्थिरता ही आपके कैरियर के विकास की कुंजी है। व्यक्तित्व विकास और भावनात्मक विकास दो महत्वपूर्ण लक्षण हैं जो तय करते हैं कि आप अपने प्रोफेशन में कितना सफल होने जा रहे हैं। युवा वयस्कता के दौरान होने वाले बदलाव व्यक्तित्व विकास को दर्शाते हैं जो करियर के विकास के लिए फायदेमंद हो सकता है।
उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए संक्रमण के दौरान उच्च स्तर की कर्तव्यनिष्ठा और भावनात्मक स्थिरता विकसित करने वाले युवा अपने शुरुआती करियर के कुछ पहलुओं में अधिक सफल होते हैं। उन्होंने बताया की आत्म प्रबंधन के प्रति आत्म जागरूकता के लिए सामाजिक प्रबंधन के प्रति सामाजिक जागरूकता और परिवर्तन प्रक्रिया मजबूत मूल्य प्रणाली के माध्यम से ही संभव है। इस दौरान महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ बलविंदर बेदी, कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर सोनल अहलावत, डॉ निधि चौधरी, श्वेता शुक्ला, निधि गुलाटी, डॉ आशिमा कथुरिया आदि मौजूद रहे।
0 Comments