बच्चों ने विज्ञान प्रदर्शनी में मॉडलों से दिखाई वैज्ञानिक क्षमता
मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के साइंस फेस्ट में बच्चों नें दिखाई प्रतिभा,प्रस्तुत किए साइंस मॉडल
मेरठ। विज्ञान की सहायता से हम प्रगति की ओर अग्रसर हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि छात्रों को विज्ञान विषय के प्रति एकाग्रता दिखानी चाहिए। प्रदर्शनियों का उद्देश्य लोगों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करना है। यह बातें चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस के राज्य समन्वयक एवं मेरठ जिला साइंस क्लब के जिला समन्वयक डॉ दीपक शर्मा ने परतापुर बाईपास स्थित मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के साइंस फेस्ट में कही। फेस्ट की थीम "सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण" रही।
इस दौरान विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विज्ञान भारती वासुदेव विज्ञान संस्थान के अवध व काशी प्रांत के मंत्री श्रेयांश मंडलोई, विशिष्ट अतिथि मेरठ साइंस क्लब के समन्वयक डॉ दीपक शर्मा, डॉ धीरेंद्र कुमार द्विवेदी, एमआईटी के प्राचार्य डॉ हिमांशु शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया।
श्रेयांश मंडलोई ने कहा कि विज्ञान प्रदर्शनी से बच्चों में तार्किक व बौद्धिक क्षमता का विकास होगा तथा विज्ञान विषय के प्रति बच्चों का रूझान बढ़ता है। डॉ धीरेंद्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि प्रयोगात्मक कार्यों से छात्र-छात्राओं में सृजनात्मक और अविष्कार करने की क्षमता का विकास होता है। छात्र-छात्राओं ने अपनी सृजनशीलता एवं वैज्ञानिक सोच को प्रदर्शित किया।
विज्ञान प्रदर्शनी में मेरठ जिले के 15 स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने अपने विज्ञान मॉडल एवं पोस्टर प्रदर्शनी प्रस्तुत की। इसमें मुख्य रूप से भूकंप रोधी शॉपिंग मॉल, भूकंप रोधी भवन, मोबाइल ऑपरेटेड फ्यूचर व्हीकल, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता का मॉडल, जैविक खाद, हाइड्रोलिक ब्रिज, सोलर प्लांट, ग्लोबल वार्मिंग, कचरा प्रबंधन रहा।
इस दौरान मॉडल प्रदर्शनी में प्रथम स्थान पर एनएएस इंटर कॉलेज, द्वितीय स्थान पर माउंट लिट्रा जी स्कूल और तृतीय स्थान पर एमआईईटी पब्लिक स्कूल रहा। वही पोस्टर प्रदर्शनी में प्रथम स्थान पर सरस्वती शिशु मंदिर, द्वितीय स्थान पर आरजी इंटर कॉलेज और तृतीय स्थान पर सरस्वती पब्लिक स्कूल रहा। सभी विजेताओं को प्रशस्ति पत्र एवं टॉफी देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ सपना देशवाल ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राचार्य डॉ हिमांशु शर्मा, डॉ हितेश कुमार शर्मा, डॉ दिव्या त्यागी, डॉ हेमा नेगी, तान्या शर्मा, प्रतिमा व सुमित का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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