जैव प्रौद्योगिकी में भूख और पर्यावरण की समस्या का समाधान : डॉ असद आमिर
मेरठ। एमआईईटी के बायोटेक्नोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग में एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन चेयरमैन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, निदेशक डॉ बृजेश सिंह, डीन एकेडमिक डॉ भावना मलिक, प्राचार्य डॉ असद आमिर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान मेरठ जिले के स्कूलों से लगभग 50 शिक्षकों ने फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में भाग लिया। जिसका विषय बायो साइंस में कौशल उन्नयन रहा। कार्यक्रम का उद्देश्य बायोटेक्नोलॉजी,माइक्रोबायोलॉजी एवं जीव विज्ञान के क्षेत्र में आधुनिक एवं भविष्य में होने वाली उपलब्धियों के लिए जागरूकता फैलाना है। विभिन्न विद्यालयों से आए शिक्षकों को प्रायोगिक ज्ञान की रूचि बढ़ाना था। जिससे कि वह अपने विद्यालयों में इस प्रकार प्रायोगिक लैब आसानी से करा सकें।
प्राचार्य डॉ असद आमिर ने कहा की 21वीं सदी में बॉयो टेक्नोलॉजी (जैव प्रोद्यौगिकी) की क्रांति विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है जो बढ़ती भूख एवं पर्यावरण की समस्या को हल करने की क्षमता रखती है। बॉयो टेक्नोलॉजी एक बहुआयामी विज्ञान है जिसका विकास जैव रसायन, सूक्ष्म जीव विज्ञान, रसायन अभियांत्रिकी आदि के समन्वय से संभव हुआ है। इस अवसर पर विभाग से प्राचार्य डॉ असद आमिर, डॉ हिरदेश कुमार, डॉ दिव्या चौधरी,डॉ सोनिया शर्मा, डॉ शिप्रा चौधरी, डॉ अलका सागर, डॉ अभिनव सिंह, डॉ सुबीर कुमार, डॉ नेहा, डॉ अंजलि राठी, डॉ गौरव आदि शिक्षक मौजूद रहे।
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