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एआईसीटीई आइडिया लैब द्वारा छह दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला का उद्घाटन

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) भविष्य की तकनीक : डॉ नेहा मित्तल




मेरठ। एआईसीटीई आइडिया लैब द्वारा प्रायोजित छह दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन एमआईईटी में किया गया। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटर साइंस आईओटी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एंबेडेड सिस्टम और आईओटी टेक्नोलॉजी विषय पर छह दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। 

कार्यशाला का उद्घाटन चेयरमैन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, निदेशक डॉ बृजेश सिंह, डीन एकेडमिक डॉ भावना मलिक, एचओडी डॉ नेहा मित्तल, आइडिया लैब कोऑर्डिनेटर डॉ प्रियंका शर्मा, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर मोहिनी सिंह और दीपक सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

कार्यशाला में मेरठ एवं आसपास के इंजीनियरिंग कॉलेजों से 35 छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला छात्रों के लिए निशुल्क है। कार्यशाला में शिक्षाविद एंबेडेड सिस्टम और आईओटी प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में उनके अनुप्रयोगों पर नवीनतम तकनीकी विषयों पर व्याख्यान देंगे।

एचओडी डॉ नेहा मित्तल ने बताया की इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक का वह विकास है, जिसमें कई गैजेट्स को नेटवर्किंग के माध्यम से एक साथ जोड़ा जाएगा। इंटरनेट ऑफ थिंग्स आने के बाद भविष्य में ऐसे स्मार्ट घर होंगे, जिनमें सभी डिवाइस एक दूसरे के साथ इंटरकनेक्ट रहेंगे। मान लीजिए आप टीवी और दरवाजे को बंद किए बगैर अपने घर से बाहर चले गए। इस स्थिति में स्मार्ट घर का जो कम्बाइन आर्टिफिशियल ब्रेन होगा। वह इस चीज को सेंस करके अपने आप घर के दरवाजे और टीवी को बंद कर देगा। इस बात की जानकारी आपके फोन पर भी आ जाएगी। सभी टेक्निकल डिवाइस के बीच जो ये इंटीग्रेशन है। यही इंटरनेट ऑफ थिंग्स है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स भविष्य की तकनीक है।

तकनीकी वक्ता दीपक सिंह ने बताया कैसे छात्र अपने आईडिया को प्रोडक्ट में बदल सकते है। वक्ता अभिलाषा जैन ने छात्रों को आरडिनों को प्रयोग करके प्रोजेक्ट बनाना बताया। कार्यक्रम में अनिल वर्मा, अरमान मलिक और डाॅ सुरेन्द्र सिंह का  सहयोग रहा।

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