नौकरी करने वाला जोखिम में रहता है, उद्यमी जोखिम लेता है : सतीश कुमार
साहिबाबाद। विश्व उद्यमी दिवस के अवसर पर स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज, टीबीआई फाउंडेशन, साहिबाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एवं लोक पल के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय उद्यमिता की चुनौतियां और उसका समाधान,नवोद्यमिता और नव उद्यमियों का विशेष संदर्भ रहा।
शुभारंभ मुख्य अतिथि सतीश कुमार राष्ट्रीय सहसंगठक स्वदेशी जागरण मंच, विशिष्ट अतिथि डॉ राजीव कुमार राष्ट्रीय सह समन्वयक स्वावलंबी भारत अभियान, कुलदीप सिंह प्रान्त समन्वयक स्वावलंबी भारत अभियान, मुकेश गुप्ता महासचिव साहिबाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, डॉ आलोक चौहान राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी लोक पहल, डॉ अजय कुमार निदेशक आईपीईसी, प्रियंका गुप्ता सीईओ आईपीईसी टीबीआई फाउंडेशन और डिप्टी कमिश्नर इंडस्ट्री गाजियाबाद श्रीनाथ पासवान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
मुख्य अतिथि सतीश कुमार ने कहा की पूरे देश में किसी भी युवा से पूछा जाए,तो सबसे बड़ा चिंता का विषय यह है कि उन्हें रोजगार मिलेगा या नहीं। हमारी सबसे बड़ी अवधारणा है कि हमे रोजगार देना सरकार का काम है। राजनीतिक दलों को हमें रोजगार देने में रत्ती भर भी रुचि नहीं है, वे केवल वोट के नाम पर हमें प्रलोभन देते हैं। इसलिए युवा उद्यमिता की ओर बढ़ें, स्वरोजगार के क्षेत्र में काम करें, तरक्की जरूर मिलेगी। क्योकि रोजगार सीमित है, उद्यम असीमित है। नौकरी और उद्यमिता में फर्क है। नौकरी करने वाला जोखिम में रहता है, उद्यमी जोखिम लेता है।
साहिबाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव मुकेश गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि देश के विकास के लिए उद्यमिता का विकास भी जरूरी है। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडिपेंडेंट बिजनेस द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 35% व्यवसाय पहले दो वर्षों में विफल हो जाते हैं, 54% पहले चार वर्षों में विफल हो जाते हैं और 64% नए व्यवसाय शुरू होने के छह साल बाद विफल हो जाते हैं। यह विफलता किसी उद्यमी के लिए आर्थिक और भावनात्मक रूप से विनाशकारी हो सकती है। एक उद्यमी को जोखिम का आकलन करने के साथ-साथ विफलता का सामना करने के लिए भी तैयार रहना होगा। लेकिन सबसे पहले हमें खुद को तैयार करना होगा की हमें नौकरी करनी है या दूसरे लोगों को नौकरी देनी है।
डिप्टी कमिश्नर इंडस्ट्री गाजियाबाद श्रीनाथ पासवान ने कहा की एक सफल उद्यमी बनने के लिए जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, उससे एक उद्यमी की क्षमता प्रभावित होती है। हमारे युवा उद्यमी को जितनी समस्याएँ हैं, उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता। सरकार जो योजनाएं ला रही है वह उन लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है जिनके लिए है। जो लोग आज बड़े बिजनेस मैन हैं, उन्हें समय रहते उन अवसरों को जाना होगा, तभी वे आज सफल हैं।
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