कृषि क्षेत्र में नई क्रांति ला सकती है नैनो बायोटेक्नोलॉजी : प्राचार्य डॉ असद आमिर
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान मेरठ से वैज्ञानिक डॉ मेघा पांडे, विशिष्ट अतिथि जिला समन्वयक जिला विज्ञान क्लब दीपक शर्मा, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डायरेक्टर डॉ बृजेश सिंह, डीन एकेडमिक डॉ भावना मलिक, प्राचार्य डॉ असद आमिर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
मुख्य अतिथि डॉ मेघा पांडे ने अपने व्याख्यान में बायोटेक्नोलॉजी के प्रमुख आविष्कारों व निकटतम भविष्य में होने वाले परिवर्तनों के बारे में बताया। विशिष्ट अतिथि जिला समन्वयक जिला विज्ञान क्लब दीपक शर्मा ने छात्र छात्राओं को जीवन एवं पर्यावरण पर विज्ञान के महत्व को समझाया।
बायोटेक्नोलॉजी व माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्राचार्य डॉ असद आमिर ने कहा की संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक दुनिया की जनसंख्या 800 करोड़ तक पहुंच जाएगी। विश्व आबादी का 17.84% हिस्सा भारत का है। 2025 तक भारत की कुल आबादी 1.5 अरब से अधिक होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में आबादी बढ़ने के साथ-साथ अनाज उत्पादन जो अभी 25.2 करोड़ टन (2015-16) है, इसकी मांग 30 करोड़ टन तक पहुंच जाएगी। ऐसे में बढ़ती आबादी को भरपूर अनाज मिले और उत्पादकता बढ़े, इसेक लिए नैनोबायोटेक्नोलॉजी कृषि क्षेत्र में नई क्रांति ला सकती है।
इस दौरान मेरठ जनपद से 15 से अधिक स्कूल और कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। विभिन्न प्रतियोगिताएं जैसे फेस पेंटिंग,साइंस रंगोली,मॉडल प्रेजेंटेशन,पोस्टर प्रेजेंटेशन, साइंटिफिक टॉक, क्विज अड्डा आदि हुई प्रतियोगिता में 350 से अधिक छात्रों की सहभागिता रही।
इसके अलावा बायोटेक्नोलॉजी व माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभिन्न प्रयोगशालाओं में विज्ञान के नवीनतम शोध आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूलों से आए छात्र छात्राओं को बायोटेक्नोलॉजी से संबंधित जेनेटिक्स लैब,माइक्रोबायोलॉजी लैब,प्लांट टिशु कल्चर लैब,मॉलिक्यूलर बायोलॉजी लैब,एनिमल बायोटेक्नोलॉजी लैब,स्टेम सेल लैब का भ्रमण भी कराया।
छात्रों द्वारा बायोटेक्नोलॉजी लैब में हाइड्रो डिस्टिलेशन प्रक्रिया द्वारा सुगंधित पौधों से सुगंधित तेल निकालने का एक मॉडल भी प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में सेल कल्चर, स्टेम सेल, सेल कल्चर उत्पाद, औषधीय पौधों का गुणवत्तापूर्ण उपयोग, मशरूम कल्चर, घरेलू कचरे से ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए पौधे, पशु जैव प्रौद्योगिकी आदि शामिल रहे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राचार्य डॉ असद आमिर, डॉ हिरदेश कुमार, डॉ दिव्या चौधरी, डॉ अलका सागर, डॉ सोनिया, डॉ शिप्रा चौधरी, डॉ उदय प्रताप, डॉ सुबीर कुमार बॉस, अभिनव, नीतिका, गौरव पाराशर आदि शिक्षक रहे।
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