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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर एमआईटी में "महिला स्वच्छता और मानसिक स्वास्थ्य" पर कार्यशाला

मेरठ। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय "महिला स्वच्छता एवं मानसिक स्वास्थ्य" रहा। पर्यावरण एवं स्वच्छता क्लब और एमआईटी वूमेन सेल के सहयोग से 400 से अधिक बालिकाओं ने कार्यशाला में भाग लिया। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ राशि अग्रवाल,पर्यावरण एवं स्वच्छता क्लब के निदेशक आयुष पीयूष गोयल, वरिष्ठ समाजसेवी विपुल सिंघल,एमआईटी निदेशक डॉक्टर सोमेंद्र शुक्ला, मीडिया हेड अजय चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।



मुख्य अतिथि वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. राशि अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं में मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। ये सिर्फ सामान्य प्रक्रिया नहीं है, बल्कि प्रजनन के लिए भी अति आवश्यक है। अफसोस की बात है कि एक नितांत प्राकृतिक प्रक्रिया को धर्म और संस्कृति का अमलीजामा पहना कर, उसे बहुत जटिल और अस्वास्थ्य कर बना दिया गया है। जिस कारण लाखों महिलाएं और विशेषकर किशोरियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान बालिकाओं को व्यक्तिगत स्वच्छता, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं का स्वास्थ्य, हार्मोन: भूमिका और प्रभाव आदि विषयों पर जानकारी दी।


आयुष पीयूष गोयल ने कहा कि लड़कियां हमारे देश का भविष्य हैं। बेटियों को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना हम सभी का कर्तव्य है। लड़कियां अपने आप को कमजोर न समझें। लड़कियों को अपनी ताकत पहचानने की जरूरत है।

वरिष्ठ समाजसेवी विपुल सिंघल ने कहा की नारी के बिना सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती। भारतीय संस्कृति में नर नारी को समानता दी गई है, जिसमें विशेष रूप से नारी का स्थान पूजनीय है। हमें हर प्रकार की स्थिति में, हर क्षेत्र में तथा हर स्थान पर नारी का सम्मान करना चाहिए। धर्म ग्रंथों में नारी को शक्ति, समर्पण और त्याग का स्वरूप माना है। इसके बगैर सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती है।

निदेशक डॉ सोमेंद्र शुक्ला ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। अगर शिक्षा की बात करें तो आप किसी भी बोर्ड का रिजल्ट देख सकते हैं, लड़कियां हमेशा टॉप करती हैं और लड़कियों का पासिंग परसेंटेज भी ज्यादा होता है।
इस दौरान एमआईटी वूमेन सेल से डॉ सपना देशवाल, एचआर सोनल अहलावत,तान्या शर्मा आदि मौजूद रहे।


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