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इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में "भारत ब्लॉकचेन यात्रा" कार्यक्रम का आयोजन

ब्लॉकचेन तकनीक भविष्य का आधार,सुरक्षित डाटा के लिए तकनीक कारगर

साहिबाबाद। इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सहयोग से "भारत ब्लॉकचेन यात्रा" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हेडेरा द्वारा संचालित भारत ब्लॉकचेन यात्रा का 8वां संस्करण आईडी सॉफ्ट द्वारा आयोजित किया गया है। जिसका उद्देश्य पूरे भारत में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और वेब 3 टेक्नोलॉजी का ज्ञान फैलाना है।
कॉलेज के निदेशक डॉ अजय कुमार ने बताया की "भारत ब्लॉकचेन यात्रा" ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर केंद्रित अपनी तरह का पहला प्रौद्योगिकी दौरा है, जो भारत की उल्लेखनीय ब्लॉकचेन कहानी बताने के लिए समर्पित है।
कार्यक्रम कार्यक्रम का शुभारंभ ब्लॉकचेन विशेषज्ञ वक्ता अलेखा जोहरी फाउंडर एनेमोई सोल्यूशन कंपनी,रंजीत कुमार सीईओ अल्गोबिट्ज कंपनी,नीरज सिंह को फाउंडर जॉल्ट्स कंपनी ,अखिल दमोधराम आईआईएलएम यूनिवर्सिटी,अली आन फाउंडर जनता वर्सा कम्पनी, कॉलेज निदेशक डॉ अजय कुमार और संयोजक अल्पना रानी ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस दौरान वक्ताओं ने छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को ब्लॉकचेन तकनीक के बारे में विस्तार से बताया।

बैंक खर्च व ऑनलाइन फ्रॉड मे कमी

अलेखा जोहरी ने बताया की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी बैंकिंग लेनदेन को साइबर क्राइम की चपेट में आने से बचाती है ताकि लेनदेन सम्बन्धी डेटा में किसी भी तरह का फेरबदल न किया जा सके। इसके अलावा यह टेक्नोलॉजी डेटा की सुरक्षा में वृद्धि करने के साथ-2 ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के खर्च को भी कम करती है।

डेटा सिक्योरिटी में बढ़ोतरी

वक्ता रंजीत कुमार ने कहा की बालॉकचेन टेक्नोलॉजी डेटा सिक्योरिटी को इतना बढ़ा देती है कि पासवर्ड का इस्तेमाल करके लेनदेनों के प्रामाणीकरण की जरूरत खत्म हो जाती है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में ब्लॉकचेन आधारित प्रमाणपत्रों के माध्यम से पक्षो की सहमति प्राप्त की जाती है। तथा सभी डेटा को पूरे नेटवर्क में रिकार्ड किया जाता है।


ब्लॉकचेन क्षेत्र में नौकरिया

अखिल दमोधराम ने कहा की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का क्षेत्र दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, जिस कारण इस क्षेत्र में नौकरियां भी बढ़ रही है। ब्लॉकचेन डेवलपर्स को भर्ती करने वाले शीर्ष 3 देश - अमेरिका, भारत और ब्रिटेन है। अमेरिका के ब्लॉकचेन के क्षेत्र में सबसे अधिक भर्तिया हुई है।

ब्लॉकचेन सुरक्षित डिजिटल लेनदेन तकनीक

नीरज सिंह ने कहा की हम सब ने क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन का नाम तो सुना होगा। ये पिछले 2 साल से निवेशकों के बीच चर्चा का विषय बने हए है। भारत में भी यह टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है। दरअसल ब्लॉकचेन, बिटकॉइन में प्रयोग होने वाली टेक्नोलॉजी है। जिसका इस्तेमाल एक सुरक्षित डिजिटल लेनदेन सिस्टम के निर्माण के लिए किया जाता है।


इस दौरान कार्यक्रम में निर्देशक डॉ अजय कुमार, विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजय सिंह, संयोजक अल्पना रानी, अजय चौधरी आदि मौजूद रहे।




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