टीम ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत समस्या का समाधान किया। टीम ने विकलांगों के कृत्रिम पैर की समस्या का समाधान किया। जिससे कि बाइक चलाने वाले विकलांगों आसानी से बाइक चल सके। टीम ने एक कम-खर्च और प्रभावी समाधान विकसित किया है, जिससे घुटने के नीचे विच्छेदन वाले व्यक्तियों को समाज में स्वतंत्र और आत्मविश्वासी बनाया जा सकता है।
एमआईईटी के निदेशक बृजेश सिंह ने कहा की टीम ने नकारात्मक दृष्टिकोण को दूर करते हुए निरक्षर व्यक्तियों को समाज में बाइक राइडिंग जैसी सामान्य गतिविधियों में समर्थ बनाने का कारगर उपाय प्रस्तुत किया है। इस दौरान चैयरमेन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, निदेशक डॉ बृजेश सिंह,डीन डॉ हनी तोमर,दीपक मित्तल ने बधाई दी।
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