5जी, 5वीं पीढ़ी का मोबाइल नेटवर्क है : डॉ. सोमदेव भारद्वाज
भविष्य में 5जी तकनीक से नई डिजिटल क्रांति आएगी : डॉ नागेंद्र प्रसाद पाठक
मेरठ। विज्ञान भारती, एकेटीयू लखनऊ, इन्नोवेशन हब और एमआईईटी के संयुक्त तत्वाधान में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग में "5जी संचार में भारत के लिए संभावनाएँ और अवसर" पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ अतुल कुमार जैन, दर्शन लाल अरोड़ा, मुख्य वक्ता डॉ नागेंद्र प्रसाद पाठक आईआईटी रुड़की, डॉ सोमदेव भारद्वाज विज्ञान भारती के संगठन मंत्री उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड प्रदेश, डॉ धीरेंद्र कुमार, डॉ योगेश, एमआईईटी के चेयरमैन विष्णु शरण ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
डॉ धीरेंद्र कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के युवाओं को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाना है। विज्ञान भारती देश के कोने-कोने में स्कूली छात्रों को जोड़कर विज्ञान के प्रसार का बीड़ा उठा रही है।
डॉ अतुल कुमार जैन ने अपने संबोधन में कहा कि 5जी तकनीक से उद्योग, समाज, व्यक्तिगत एवं प्रौद्योगिकी का विकास होना निश्चित है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 6जी तकनीक अपनाने को हस्ताक्षर किए हैं। तकनीकी राष्ट्र निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी।
डॉ. सोमदेव भारद्वाज ने कहा कि भारत विज्ञान के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में भारत भी तकनीकी रूप से मजबूत देशों की सूची में शामिल हो गया है। अन्य देश भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। विज्ञान ही एक ऐसा सहारा है जो किसी भी देश को आगे ले जाता है। हाइपर-फास्ट 5जी नेटवर्क के मौजूदा 4जी नेटवर्क की तुलना में कम से कम 100 गुना तेज होने की उम्मीद है। वे स्वास्थ्य सेवा देने के तरीके को पूरी तरह बदल सकते हैं। एआई और 5जी के संयोजन में डायग्नोस्टिक और ट्रीटमेंट को बेहतर बनाने की अपार संभावनाएं हैं। 5जी नेटवर्क पर मिलने वाले लो-लेटेंसी, एचडी क्वालिटी वायरलेस नेटवर्क की मदद से टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में बड़ी क्रांति आ सकती है। 5जी, 5वीं पीढ़ी का मोबाइल नेटवर्क है।
मुख्य वक्ता डॉ नागेंद्र प्रसाद पाठक ने कहा जी ऑनलाइन टीचिंग के लिए लेक्चर की लाइव स्ट्रीमिंग या पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो देखने की आवश्यकता होती है, जिसके लिए तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी की जरूरत होती है। 5जी तकनीक के साथ आप ऑनलाइन टीचिंग को सुविधाजनक और परेशानी मुक्त बनाते हुए चंद सेकंड में वीडियो डाउनलोड करने में सक्षम होंगे। 5जी शुरू होने के साथ ऑगमेंटेड रियलिटी एप्लिकेशन को सीखने के तरीकों में सुधार होगा। इसके अलावा, वर्चुअल लर्निंग से भी स्टूडेंट्स को फायदा होगा। तेज स्पीड और वर्चुअल रिएलिटी की मदद से शिक्षा का क्षेत्र में भी 5जी तकनीक बड़ा बदलाव ला सकती है। 5जी तकनीक आने के बाद टेलीमेडिसिन सेवाओं और ऑनलाइन एजूकेशन के साथ ड्रोन आधारित कृषि निगरानी की सुविधाओं में भी विस्तार होगा। किसान घर बैठे ही अपने खेत की फसल पर नजर रख पाएंगे। ट्यूबवैल भी मोबाइल पर एक टैप से चालू और बंद हो जाएंगे। कृषि के क्षेत्र में स्मार्ट तकनीकें आएंगी और किसानों के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। भविष्य में 5जी तकनीक से नई डिजिटल क्रांति आएगी।
इस अवसर पर वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, निदेशक डॉ बृजेश सिंह, डीन एकेडमिक डॉ भावना मलिक, मीडिया मैनेजर अजय चौधरी, एचओडी डॉ नेहा मित्तल, अरुण शुक्ला, डॉ सुबोध कुमार त्रिपाठी, नीरज जोशी, डॉ प्रवीण चक्रवर्ती, विजय चौहान, प्रियांक शर्मा, चित्रा साहू आदि मौजूद रहे।
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