इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में राष्ट्रवादी संवाद कार्यक्रम का हुआ आयोजन
-नई शिक्षा नीति भारत के भविष्य को गढ़ने का सुनहरा अवसर : सुनील देवधर
सुनील देवधर ने कहा कि भारतीयों ने आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मनाया है। देश उन क्रांतिकारियों का ऋणी है जिन्होंने देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। लेकिन अफसोस की बात है कि इतिहास में कुछ खास लोगों को ही जगह मिल पाई। उन वीर सेनानियों में कई महिलाएँ भी थीं। उन्होंने पूर्वोत्तर भारत क्षेत्र के वीर स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए विद्यार्थियों को कहानी सुनाई। पूर्वोत्तर भारत क्षेत्र विभिन्न कारणों से भारत के अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा पिछड़ा है। लेकिन पिछले 9 वर्षों से कई स्तरों पर सुधार देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में युवाओं के लिए स्टार्टअप योजना के तहत आज 1 लाख से अधिक युवा स्टार्टअप और स्वरोजगार के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। 9 साल में एक लाख से ज्यादा स्टार्टअप बढ़े हैं। जिनमें से 100 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्टअप बन गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से युवाओं के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनकी जानकारी आप नमो ऐप पर जाकर ले सकते हैं।
सुनील देवधर ने आगे कहा कि हिंदी भाषा सर्वोत्तम भाषा है और भारत देश में विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं और भाषाओं में संस्कार होते हैं। भारत में किसी भी भाषा में गलत ज्ञान व शिक्षा नहीं है और न ही किसी शब्द का अर्थ गलत है। नई शिक्षा नीति भारत के भविष्य को गढ़ने का सुनहरा अवसर है। भारत में भविष्य में सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले शिक्षार्थियों को समान रूप से सर्वोच्च गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय लोकाचार में शामिल वैश्विक सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रणाली के निर्माण की परिकल्पना करती है और इन्हीं सिद्धांतों के साथ संरक्षित है ताकि भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित किया जा सके।
देवधर ने युवाओं के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जैसे की स्टार्टअप इंडिया, पीएम मंत्री कौशल विकास योजना, पीएम रोजगार योजना,नेशनल अप्रेन्टस्शिप प्रोमोशन स्कीम,ग्रीन स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के बारे में विस्तार से बताया।
इस मौके पर डॉ. मीनाक्षी शर्मा, विजय कुमार शर्मा, रवि आनंद, उमा शर्मा, डॉ. सुधीर कुमार, अजय चौधरी, अखिल गौतम आदि मौजूद रहे।
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