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स्वावलंबी भारत अभियान मेरठ प्रांत की एक बैठक, मेरठ इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी में सपन्न हुई

भारत को स्वावलंबी बनाने पर स्वदेशी जागरण मंच का जोर

स्वरोजगार से दूर होगी युवाओं की बेरोजगारी : डॉ राजीव कुमार



मेरठ। स्वावलंबी भारत अभियान मेरठ प्रान्त की बैठक परतापुर बाईपास स्थित मेरठ इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी में सम्पन्न हुई। जिसमें मेरठ प्रांत के गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत आदि  ज़िलों के अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया। 

मुख्य वक्ता स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय विचार विभाग प्रमुख एवं राष्ट्रीय सह समन्वयक स्वावलंबी भारत अभियान - डॉ० राजीव कुमार ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच ने कुछ अन्य 12 संगठनों के साथ मिलकर देश को स्वरोजगार के माध्यम से पूर्णतयः  रोज़गारयुक्त बनाने का संकल्प किया है। स्वावलंबी भारत अभियान देश में स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिए ठोस कदम उठाने की एक महत्वपूर्ण सामूहिक पहल है। आज भारत दुनिया का सबसे युवा देश माना जाता है, फिर भी बेरोजगारी भारत के आर्थिक विकास के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। भारत के पास कौशल विकास, नवाचार, अनुसंधान और विकास के माध्यम से एक ऐसा वातावरण बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है जिसमें भारत के युवा न केवल अपने लिए बल्कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में दूसरों के लिए भी अपनी क्षमता का उपयोग कर सकें। रोजगार पैदा करने में सक्षम हो. हमारा लक्ष्य भारत के हर नागरिक को गरीबी रेखा से ऊपर लाना, हर हाथ को काम देना और भारत को एक समृद्ध देश बनाना है, जहां देश के हर नागरिक को आर्थिक विकास का लाभ मिले।

बैठक को संबोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच मेरठ प्रांत के संयोजक कपिल नारंग ने कहा कि आज देश में बढ़ती बेरोजगारी भारत को परम वैभव पर ले जाने के लिए बाधक साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि क्योंकि हम अपने बच्चों को बचपन से ही रोजगार का अर्थ सरकारी नौकरी समझाते हैं और उसी मानसिकता के कारण देश में  37 करोड़ बेरोजगार युवाओं की फौज खड़ी है, इन्हें बौद्धिक रूप से स्वरोजगार की ओर प्रेरित करना नितांत आवश्यक है।

स्वावलंबी भारत अभियान के समन्यवक कुलदीप सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश का लघु उद्योग कुटीर उद्योग एवं परंपरागत व्यवसाय लोगों की जीविका के साधन थे। उस समय हमारे देश में बेरोजगारी नाम का कोई शब्द नहीं था, हर व्यक्ति रोजगार युक्त था आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी की समस्याएं हैं। यदि हम नौकरी को नहीं परम्परागत रोजगार को महत्व देंगे तो हम सब मिलकर हमारी पीढ़ी को अपने पैरों पर खड़ा कर सकते हैं। स्वरोजगार से ही बेरोजगारी हो दूर हो सकती है।

मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ आलोक चौहान ने बताया कि आगामी 29 सितंबर 2023 को उद्यमिता विषय पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रबुद्ध वक्ता 400 युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

इस अवसर पर बैठक में एमआईटी के वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, निदेशक डॉ आलोक चौहान,डॉ प्रियांक शर्मा, डॉ सचिन कौशिक, मीडिया हेड अजय चौधरी आदि मौजूद रहे।

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