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इन्द्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में शिक्षण के कौशल विकास के लिए कार्यशाला में मंथन

साहिबाबाद। इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में 14 दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम संपन्न हुआ। जिसका विषय शिक्षण शिक्षाशास्त्र रहा। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षण कौशल और कार्यप्रणाली को बढ़ाना रहा। प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ विकास गुप्ता ने आधुनिक शिक्षण शिक्षाशास्त्र के महत्व पर जोर दिया गया। मुख्य सत्रों में श्रीयक जैन द्वारा परिणाम-आधारित शिक्षा, डॉ महज़बीन बानू और आकांशा द्वारा मूल्यांकन और नवीन शिक्षण विधियाँ पर व्याख्यान दिया। डॉ प्रेरणा भागलपुरकर और डॉ ऋचा राजश्री ने नौकरी में संतुष्टि पर चर्चा की, जबकि राहुल शर्मा ने छात्रों के तकनीकी कौशल विकास में एसएपी की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। अंशुल, लुबना सैफी और आशी जैन द्वारा शिक्षण में हरित प्रथाओं और सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों को प्रस्तुत किया गया। लॉजिकल लर्निंग और जनरल एप्टीट्यूड को पारुल और हिमाद्री ने बताया,वही शिक्षा में एआई के एकीकरण पर अमनदीप कौर और स्मिता बाजपेयी द्वारा चर्चा की गई थी। डॉ ज्योति और डॉ आमिश इज़हार ने तकनीकी लेखन के लिए टिप्स दिए। बीना ने लेखन कौशल बढ़ाने पर एक सत्र का नेतृत्व किया। प्रो डॉ पूजा त्रिपाठी,अभिषेक,योगिता बंसल द्वारा भी सत्र लिया गया।

प्राचार्य डॉ विकास गुप्ता  ने कहा कि कार्यशाला एक प्रभावशाली दृष्टिकोण है, जो शिक्षण को एक छात्र के रूप में सीखने और उसके अभ्यास के महत्व एवं उसके लेखन व पाठन का संपादन करती है।जिसका उद्देश्य शिक्षण प्रणाली को सुधारना और छात्राध्यापक को एक कुशल शिक्षक बनाना है। 

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